रोग प्रतिरोधक शक्ति और प्रक्शालक (सैनिटाइज़र) मे रिश्ता
रोग प्रतिरोधक शक्ति और प्रक्शालक (सैनिटाइज़र) मे रिश्ता - सोचिएगा जो लिख रही हू !
हम बहुत सारे विग्यापन देखते है और तुरन्त जाकर खरीद लेते है! ऐसा एक सामान है - "प्रक्शालक (सैनिटाइज़र)"! ऐसा ही एक विग्यापन देखा जो बडो को ही नही बल्की बच्चो को भी लक्श्य बनाता है!
खास्कर आजकल कोरोना के टाइम पर मैने लोगो को प्रक्शालक (सैनिटाइज़र) से नहाते हुए देखा है! 😀😀
ये समझे सफ़ाइ / सैनेटाइज़ेशन किस लिए होता है?
सफ़ाइ / सैनेटाइज़ेशन वहा ज़रूरी है जहा बीमारियो से लडने की शक्ती लोगो की कम होती है या बीमरी से सन्क्रमित होने की सम्भावना अधिक हो! सोचिए ऐसी कौनसी जगह है?
हम सब जानते है कि ऐसी जगह एक हस्पताल है या जनता शौचालय है! इस्लिए "प्रक्शालक (सैनिटाइज़र)" का उपयोग केवल इनही जगहो पर इस्तेमाल करना चहिए!
अब एक दूसरा नज़रिया! हम अगर "प्रक्शालक (सैनिटाइज़र)" का उपयोग करते है तो केवल हथेलिओ पर! क्या केवल हथेलिओ पर इस्तेमाल करने से सारे कीटाणुओ से छुट्कारो से मिल जाता है?
क्या हम चपाती, दाल, सब्ज़ी मे भी "प्रक्शालक (सैनिटाइज़र) डIलकर खाते है? क्या हथेलिओ पर इस्तेमाल करने से हमारे वातावरण के भी सारे कीटाणुओ से छुट्कारा मिल जाता है?
अगर हमारी हथेलिया स्वछ / सैनिटाइज़ड है - फ़िर भी हमारे चारो तरफ़ कीटाणु होते है! इसलिए "प्रक्शालक (सैनिटाइज़र)" का उपयोग सोच-समझ के करे!
People think that it works like the Colgate ring of confidence 😁
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