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Showing posts from April, 2020

सॉल्युबल फाइबर के लाभ

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सॉल्युबल फाइबर  के  लाभ सॉल्युबल फाइबर किस तरह हमें लाभ देता है ? सॉल्युबल फाइबर मुलायम और चिपचिपा होता है और पानी को सोखता है ! पानी को सोखने के बाद वह हमारी पाचन प्रणाली में "जैल की तरह एक पदार्थ" बनाता है ! सॉल्युबल फाइबर शौच को नरम करता है ! सॉल्युबल फाइबर कोलेस्ट्रॉल को बाँधकर शरीर से बाहर निकालता है या उसके सोखने की प्रक्रिया को धीरे कर देता है ! इसलिए कहा जाता है, कि सॉल्युबल फाइबर खून में शुगर और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को नियंत्रित करता है ! सॉल्युबल फाइबर हमारी आंतड़ियो में अच्छे बॅक्टेरिआ को बढ़ाता है , जिसकी वजह से  इम्युनिटी बढ़ने में सहायता होती है ! सॉल्युबल फाइबरकी वजह से पेट भरा हुआ रहता है और जल्दी खाली नहीं होता, इसलिए वज़न कम करने में भी सहायक होता है ! फल और सब्जियों में सॉल्युबल और इंसुलुबल फैबर की मात्रा बिलकुल सही मात्रा में होती है इसलिए अगर हम इनको अगर ७०% अपने रोज़ के खाने में शामिल करते है तो हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद साबित होंगे !

गलत धारणा - सुबह की शुरूवात नीबू पानी से होनी चाहिए !

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                                      गलत धारणा - सुबह की शुरूवात नीबू पानी से होनी चाहिए ! हमार पारम्परिक खाना पकाने का तरीका बहुत ही उच्च कोटी का वैज्ञानिक तरीका है  ! अगर हम उनको समझकर अपनाए तो हम कभी भी गलत नहीं होंगे ! नीबू हो या कोई भी फल और सब्ज़ी - एक प्राकृतिक देन है और अगर हम उनका सही तरीके से सेवन करें तो वह एक तरीके की दिव्या सीख है - क्यूंकी आजकल हम बहुत सारी गलत धारणाओं से घिरे हुए है ! बहुत सारे लोगो का विश्वास है के हमें सुबह उठकर गरम पानी में नीबू निचोड़कर लेना चाहिए ! आगे देखते है ये गलत है या सही ! गरम पानी में नीबू और शहद लेने का कारण होता है - वजन काम करना, मेटाबोलिज्म को बढ़ाना , या डीटॉक्सीफिकेशन करना, इत्यादी ! क्या ये सही है? नीबू के पोषक तत्व हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थो को निकालने में सहायक होते है ! नीबू में विटामिन "सी " की मात्रा अधिक होती है ! नीबू में मौजूद पोषक तत्व में मूत्रवधक गुण पाए जाते है - जिसकी वजह से पानी अधिक मात्रा में श...

सेहतमंद और हानिकारक वसा / चर्बी - स्वयं जानिए

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सेहतमंद और हानिकारक  वसा  / चर्बी - स्वयं जानिए  आजकल ओमेगा -३ और ओमेगा -६ के बारे में बहुत बाते होती है ! इन्हे अच्छा कोलेस्ट्रॉल माना जाता है ! किन्तु अगर उचित अनुपात में नही लिया जाए, तो फायदे के स्थान पर हानी होने की संभावना ज्यादा होती है ! इनका जो अपेक्षित उपयुक्त  अनुपात है, वह है १:१ अथवा १:२ ( ओमेगा -३ और ओमेगा -६ )!  परन्तु वर्त्तमान परिदृश्य में, यह अनुपात १:१६ में स्थानान्त्रित हो गया है,  जो सेहत के लिए बहुत ही हानिकारक है ! अधिक मात्रा में लिए गए  ओमेगा -६ की वजह से ह्रदय रोग होने के पूरी पूरी संभावना है !