क्यु दूध नही, और क्यु दही और पनीर के लिए हा!
दूध एक कारण हो सकता है, डायबिटीस शुरू होने का चाहे वोह टाइप १ / टाइप २ हो! या डायबिटीस की मात्रा बढाने के लिए!
कारण समझते है क्यू!
दूध मे लैक्टोज़ नाम की सुगर होती है, जिसे हज़म करने के लिए लैकटेस नाम का एन्ज़ाइम चाहिए होता है!
विग्यान की शोध के अनुसार, लैकटेस एन्ज़ाइम ६५% आबादी मे ७ साल की उमर के बाद खतम हो जाता है! इस्लिए इन्सान के लिए दूध हज़म करना बहुत मुश्किल होता है! बाकी ३५% आबादी मे लैकटेस एन्ज़ाइम उमर के हिसाब से कम होता जाता है!
अगर लैक्टोज़ हज़म भी होता है तो वो ग्लूकोज़ और गैलैटोज़ मे ब्रेक होता है! क्यून्की दूध मे फ़ाइबर नही होता, इस्लिए खून मे सुगर तुरन्त बढ्ती है, जो हमे डायबिटिक्स मे तुरन्त पता चलती है!
इस्लिए हमे दूध नही पीना चाहिए!
क्यू दही और पनीर खा सकते है?
दही जब बनता है तो, लैक्टोज़ लैक्टिक असिड मे बदल जाता है! लैक्टिक असिड या तो हज़म हो जाता है या शरीर से निकल जाता है!
पनीर मे से जो पानी निकलता है तो, उस्मे से ९८% लैक्टोज़ निकल जाता है!
चिकत्सक / डौक्टर हमे दूध कैल्सिअम की वजह से पीने के लिए बोलते है! ध्यान देने वाली बात यह है कि, पनीर और दही मे भी उतना ही कैल्सिअम होता है जितना की दूध मे!
इस्लिए हम खाना ऐसा खाए जो हमे आसानी से पचे और हमारी सेहत भी अच्छी रहे!
आपका फ़ैसला है, आपकी तबियत है!
अगर आपको डायबिटीस है, कन्ट्रोल मे नही है, आपको चिन्ता है,
अपोइन्ट्मेन्ट के लिए ईमेल करिए:
dr.vidushi.agrawal@gmail.com
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